नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की बंपर जीत मिली है। यहां कांग्रेस को 135 सीटों पर जीत मिली है। वहीं दूसरे स्थान पर काबिज भाजपा को 66 सीटों पर जीत मिली है। वहीं जनता दल सेक्युलर को 19 सीटों पर जीत मिली है। हालांकि इस चुनाव में केवल ये तीन पार्टियां ही नहीं बल्कि कई अन्य पार्टियां भी थीं जिन्होंने अपने-अपने उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा था। इन सबमें सबसे खराब स्थिति अगर किसी पार्टी की हुई है तो वह है आम आदमी पार्टी, कम्युनिष्ट पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM। जिन्हें NOTA से भी कम वोट मिले हैं।
224 विधानसभाओं की क्षमता वाली कर्नाटक में कांग्रेस को 42.88 प्रतिशत वोट मिला है। लेकिन अगर सबसे कम वोट पाने वाली पार्टियों की बात करें तो इसमें पहले स्थान पर है नीतीश कुमार की जदयू जिसे 0 फीसदी वोट मिला है। वहीं AIMIM को 0.02 फीसदी वोट मिला है। सीबीआई को 0.02 फीसदी, सीपीआई (एमएल) (एल) को 0 फीसदी, बीएसपी को 0.31 फीसदी, AAP को 0.58 फीसदी वोट मिले हैं। हाल ही में आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया था। लेकिन इन सबसे अधिक वोट NOTA को वोट मिला है। NOTA को 0.69 फीसदी वोट मिला है। नोटा का मतलब है कि मतदाता को कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है और वह किसी को वोट नहीं देना चाहता है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में आप ने अपने 209 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था जिसमें से लगभग सभी के जमानत जब्त हो गए हैं। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब अरविंद केजरीवाल की पार्टी फिसड्डी साबित हुई है। इससे पहले गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 181 में से 128 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। यूपी विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी के ज्यादातर प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। यूपी निकाय चुनाव में आप ने कुल 4,441 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था जिसमें से 3,522 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। वहीं हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में आप के 67 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी।