नई दिल्ली। अजनाला थाने पर हुए हमले के बाद खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अब एक बड़ा बयान दे कर सबको चौंका दिया है। अमृतपाल का कहना है कि वह खुद को भारतीय नहीं मानता है एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा कि भारतीय पासपोर्ट एक दस्तावेज है और इससे वह भारतीय नहीं बन जाता इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब केंद्रीय एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं।

अमृतपाल ने कहा कि लवप्रीत की गिरफ्तारी और बाद में पंजाब पुलिस द्वारा उसकी रिहाई ‘भविष्य की दिशा बदल देगी’ पुलिस सतर्क रहती तो ये घटना टल सकती थी। अमृतपाल ने कहा कि पुलिस ने गलत खुफिया रिपोर्ट के आधार पर जल्दबाजी में कार्रवाई की और अधिकारियों ने मेरे बारे में गलत सूचना दी कि मेरे पास समर्थन नहीं है। अमृतपाल ने कहा कि आतंकवाद कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसे वो शुरू करने में सक्षम है। कोई भी उग्रवाद शुरू या समाप्त नहीं कर सकता है, उग्रवाद को एक प्राकृतिक घटना बताते हुए उसने कहा कि यह कहीं भी दमन की लंबी अवधि के बाद होता है अमृतपाल ने कहा कि मैं किसी को आतंकवाद शुरू करने का आदेश नहीं दे सकता।

अजनाला के घटनाक्रम के बाद केंद्र सरकार ‘वेट एंड वाच’ की नीति अपना रही है एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब का इतिहास सबकों से भरा पड़ा है। हम इंतजार कर रहे हैं और देख रहे हैं कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना अनिवार्य रूप से राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। एक अन्य सूत्र के हवाले से दि ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा है कि अमृतपाल सिंह को यूरोप के छोटे हिस्सों के अलावा ब्रिटेन और कनाडा में मौजूद कट्टरपंथी तत्वों से समर्थन मिल रहा है। एजेंसियां फंडिंग के रूट का पता लगा कर रही हैं यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि उसे कौन और किस तरह से फंडिंग कर रहा है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *