नई दिल्ली। दान को कई धर्मों में सबसे बड़ा गुण माना गया है। लेकिन ऐसे बहुत कम होता है कि कोई दाम में मिले धन को ही डोनेट कर दे कुछ ऐसा ही तमिलनाडु के एक भिखारी ने किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में करीब 50 लाख रुपये का दान करके एक मिसाल कायम की है। बता दें कि 72 साल के पूलपांडियन ने सीएम रिलीफ फंड में रकम डोनेट की है। तमिलनाडु के तूतूकड़ी जिले के रहने वाले पूलपांडियन ने मई 2020 में भी सीएम राहत कोष में 10 हजार रुपये दान किया था। पूलपांडियन ने मिडिया से बात करते हुए बताया कि वह अकेले हैं और उन्हें भीख के रूप में मिलने वाले इतने पैसों की जरूरत नहीं है।

पूलपांडियन का कहना है कि मेरा कोई परिवार नहीं है, मैं राज्य के हर जिले में जाता हूं और भीख मांगकर पैसा इकट्ठे करता हूं। फिर वहां से जाने से पहले मैं उपयुक्त जिला कलेक्टोरेट जाता हूं और गरीबों की सहायता के लिए पैसे दान कर देता हूं। बुजुर्ग व्यक्ति का कहना है कि मैंने 5 साल के दौरान लगभग 50 लाख रुपये दान किए हैं।

बताया जाता है कि कभी पूलपांडियन का एक बड़ा परिवार हुआ कता था वो अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहता था 1980 में वो मुंबई चला गया वहां परिवार का भरण पोषण करने उसने एक छोटी से जॉब शुरू की। हालांकि, संसाधनों की कमी और खराब हालातों के कारण उनकी पत्नी सरस्वती का 24 साल पहले निधन हो गया। पत्नी को खोने के बाद पूलपांडियन ने अपने बच्चों की परवरिश की और वापस तमिलनाडु लौटने से पहले उनकी शादी कर दी हालांकि इसके बाद दोनों बच्चों ने पूलपांडियन की मदद नहीं की और वे उन्होंने मजबूरी में भीख मांगना पड़ा। उनका कहना है कि मुझे भीख मांगनी पड़ी, क्योंकि मेरे बेटों ने मेरी देखभाल करने से इनकार कर दिया। पूलपांडियन फिर पैसे बचाने लगे और स्कूलों, कोविड-19 राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में मदद के तौर पर दान करते गए।  2020 में पूलपंडियन को उनके इन नेक काम के लिए पहचाना गया और स्वतंत्रता दिवस पर कोविड -19 राहत कोष में उनके योगदान के लिए मदुरै जिला कलेक्टर से पुरस्कार भी मिला।

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