नई दिल्ली। अडानी मामले में विपक्ष जहां मोदी सरकार पर हमलावर है। वहीं, सरकार ने भी विपक्ष को पलटवार कर घेरने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने अडानी मामले में विपक्ष पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप को सरकार की तरफ से कोई भी मदद नहीं दी गई है। खुले टेंडर के मुताबिक अडानी को सरकार ने प्रोजेक्ट्स दिए हैं। विपक्ष की तरफ से मच रहे हंगामे को निर्मला सीतारमन ने दोहरापन भी बताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ विपक्ष हंगामा मचा रहा है, लेकिन अडानी ग्रुप को विपक्ष ने अपने शासन वाले राज्यों में बंदरगाह और अन्य प्रोजेक्ट्स बनाने के लिए जमीन दी है।
एक न्यूज़ शो से बातचीत में निर्मला सीतारमन ने कहा कि मोदी सरकार कोई भी प्रोजेक्ट वैश्विक खुले टेंडर के जरिए देती है। उन्होंने कहा कि मैं साफ शब्दों में कहना चाहती हूं कि सरकार ने अडानी ग्रुप को कोई सुविधा नहीं दी है। वित्त मंत्री सीतारमन ने कहा कि अडानी ग्रुप को राजस्थान, केरल, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में विपक्षी सरकारों ने प्रोजेक्ट्स दिए हैं। आज जिन राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं, वहां उससे पहले की सरकारों ने भी अडानी ग्रुप को प्रोजेक्ट्स दिए।
निर्मला सीतारमन ने विपक्ष को इस मामले में संसद में चर्चा की चुनौती भी दी। उन्होंने कहा कि अभी सत्र चल रहा है। विपक्ष को संसद में बैठना चाहिए। सदन में आकर चर्चा करनी चाहिए। इसकी जगह विपक्षी सांसद लगातार संसद में हंगामा कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि हम चर्चा से नहीं भाग रहे हैं। विपक्ष ही इससे बचने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि बाजार संबंधी नियामक अडानी ग्रुप के मामले में नजर रख रहे हैं। बता दें कि इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कहा था कि अडानी ग्रुप के मामले से सरकार का कोई लेना देना नहीं है।