दिल्ली पुलिस ने फर्ज़ी नौकरी और धोखाधड़ी करने वाले गिरोह को पकड़ा

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है और एक चीनी मॉड्यूल की मिलीभगत से कथित रूप से चल रहे अखिल भारतीय नौकरी रैकेट का पर्दाफाश किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभिषेक गर्ग (40), सतीश यादव (36) और संदीप महला (32) अमेजन के नाम पर कथित रूप से अखिल भारतीय ऑनलाइन अंशकालिक नौकरी रैकेट चला रहे थे। उन्होंने बताया कि इन तीनों को दिल्ली, गुरूग्राम और फतेहाबाद में छापे के बार गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने बताया कि इस सिंडिकेट का संदिग्ध मुख्य षडयंत्रकर्ता जॉर्जिया और दुबई एक स्थान से यह धंधा चला रहा था तथा अब उसे पकड़ने के लिए ‘लुकआउट सर्कुलर’ जारी किया गया एवं अन्य कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उसने बताया कि इस सिंडिकेट ने एक फर्जी वेबसाइट तैयार की जिसका डिजायन चीन के डेवलपरों ने बनायी थी। उसने बताया कि उसका लिंक टेलीग्राम आईडी से साझा किया गया जिसका आईपी एड्रेस चीन में होने का पता चला है। उसके अनुसार यह मोड्यूल चीन से बनायी गयी और व्यवस्थित की गयी। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने अपनी वेबसाइट को बढ़ावा देने तथा लोगों को ठगने के लिए यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, व्हाट्सअप और अन्य सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल किया।

दिल्ली के रोहिणी की एक महिला की शिकायत के बाद जांच शुरू की कि अमेजन में अंशकालिक ऑनलाइन नौकरी की पेशकश कर उससे इंस्टाग्राम पर एक इश्तहार के माध्यम से 1,18,000 रुपये ठग लिये गये। महिला ने सितंबर में शिकायत की थी। पुलिस के मुताबिक ठगों द्वारा उपयोग में लाये गये टेलीग्राम आईडी का आईपी एड्रेस बीजिंग में होने का पता चला। पुलिस उपायुक्त देवेश कुमार महला ने बताया कि फर्जी अमेजन वेबसाइट में निवेश करने का लालच देकर लोगों को ठगने के लिए जिस व्हाट्सअप नंबर का उपयोग किया गया वह भी भारत के बाहर से संचालित हो रहा था।

पुलिस के अनुसार बैंक से जानकारी मिली कि ठगी गयी धनराशि का संचयन करने के लिए ‘कृष्णा इंटरप्राइजेज’ नामक एक फर्जी कंपनी एकाउंट का उपयोग किया गया। महला ने बताया कि खातों के विवरण का परीक्षण करने से पता चला कि अकेले सिंतबर में 5.17 करोड़ रुपये जमा किये गये। उन्होंने कहा कि इस पैसे के लेन-देन के मार्ग से खुलासा हुआ कि क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से सात विभिन्न कंपनियों से विदेशी खातों में धन की हेराफेरी की गयी। उन्होंने बताया कि आरोपियों को तकनीकी जांच एवं कॉल डिटेल रिकॉर्ड के आधार पर पकड़ लिया गया है।

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