नई दिल्ली से सुहेल हाशमी की स्पेशल रिपोर्ट। अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के बाद अडानी ग्रुप में हड़कंप मचा हुआ है। अंडानी ग्रुप के शेयर में खासी गिरावट आई है। कंपनी का नेट वर्थ भी नीचे आ गया है। अडानी ग्रुप को खासा नुकसान हुआ है, जिसके बाद कंपनी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का ऐलान किया है। उधर, हिंडनबर्ग का कहना है कि तथ्यों का गहन अध्ययन करने के बाद कंपनी की मौजूदा वित्तीय स्थिति को लेकर रिपोर्ट जारी की गई है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के बाद शेयर बाजार में अडानी की सूचीबद्ध कंपनी के शेयर के दरों में खासी गिरावट आई है।
आपको बता दें कि हिंडनबर्ग के बाद अडानी अमीरों की लिस्ट में भी नीचे खिसक चुके हैं। पहले अडानी अमीरों की लिस्ट में चौथे नंबर पर थे, लेकिन अब सातवें नंबर पर आ चुके हैं। ध्यान रहे कि इससे पहले साल 2022 में अडानी दुनिया के 10 शीर्ष अरबपतियों में शुमार थे, लेकिन अब इस लिस्ट में सातवें नंबर पर आ चुके हैं, जो कि उनके लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है। लेकिन, साल 2023 अडानी ग्रुप के लिए कुछ सही साबित नहीं हो रहा है। शुरुआती महीना तो ठीक-ठाक था, लेकिन बाद में हालात बिगड़ गए और वे अमीरों की सूची में नीचे लुढ़क गए। उनके शेयर में भी खासी गिरावट आई है, जिसका असर कंपनी की नेट वर्थ पर भी पड़ा है। बता दें कि मार्केट कैप 2.37 लाख करोड़ तक गिर चुका है। उधर, अडानी की रिपोर्ट आने के बाद अडानी की मार्केट कैप 2.37 लाख करोड़ तक आ चुकी है।
वहीं, अडानी को मोदी सरकार का करीबी बताया जाता है। ऐसे में व्यापार जगत में इस बात को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गुलजार है कि भला सत्ता के नजदीक होने के बाद भी भला अडानी को इतना बड़ा झटका कैसे लगा सकता है। ध्यान रहे कि हिंडनबर्ग अमेरिकी कंपनी है, जो कि विभिन्न कंपनियों की वित्तीय स्थिति का अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट जारी करती है। अब तक हिंडनबर्ग कई कंपनियों की वित्तीय स्थितियों से संदर्भित रिपोर्ट जारी कर चुकी है, लेकिन अडानी ग्रुप की रिपोर्ट होने के बाद व्यापारिक जगत के साथ-साथ राजनीतिक जगत में भी भूचाल आ चुका है।