नई दिल्ली। उत्तराखंड के जोशीमठ में वक्त गुजरने के साथ ही हालात लगातार भयावह होते जा रहे हैं। आज सुबह जेपी कंपनी के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट कैंपस की दीवार भहराकर गिर गई। यहां पानी का सोता भी फूट पड़ा है। 2 दर्जन घरों में दरारें और चौड़ी हो गई हैं। ये मकान कभी भी गिर सकते हैं। वहीं, मौसम की मार की आशंका भी पैदा हो गई है। जोशीमठ और आसपास गहरे बादल घिरे हैं। मौसम विभाग ने बारिश की चेतावनी जारी की है। अगर बारिश हुई, तो यहां हालात और बिगड़ने के पूरे आसार हैं। ऐसे में प्रशासन और उत्तराखंड सरकार का पूरा फोकस अब लोगों को बचाने पर आ गया है।
जोशीमठ में होटल मलारी इन और माउंट व्यू खतरनाक बन गए हैं। इन बहुमंजिला होटलों को मंगलवार को गिराया जाना था, लेकिन मालिकों के विरोध से ये काम नहीं हो सका। मालिक दरअसल होटलों के लिए मुआवजा मांग रहे हैं। ऐसी ही मांग यहां के स्थानीय लोग भी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि उनके पुनर्वास के लिए भी अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही उनके जीवनयापन के लिए भी सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए। ऐसे में प्रशासन और सरकार के सामने दिक्कतों का पिटारा खुल गया है।
जोशीमठ में अब तक 723 मकानों में बड़ी दरारें आ चुकी हैं। यहां से 131 परिवारों को सुरक्षित जगह ले जाया गया है। बाकी परिवारों को भी हटाने की तैयारी है। प्रशासन सभी लोगों को समझा-बुझा रहा है, लेकिन लोग अपना आशियाना उजड़ते देखकर बहुत दुखी हैं। कई परिवारों के यहां खेत हैं। इनको छोड़कर जाने पर आजीविका का साधन छिन जाएगा। इससे भी लोगों को बहुत चिंता हो रही है। लोगों ने इसी वजह से मंगलवार को धरना प्रदर्शन भी किया था। बताया जा रहा है कि प्रशासन आज सभी लोगों और होटल मालिकों से बैठक कर उन्हें समझाने की कोशिश में जुटा है।