नई दिल्ली। तमिलनाडु का अन्नामलाई विश्वविद्यालय ने छात्रों के हित में एक अहम फैसला लिया है, जो युवाओं के भविष्य के लिए सराहनीय क़दम है। देश में ड्रोन का सेक्टर खूब फलफूल रहा है तथा तमिलनाडु कई उद्देश्यों के लिए ड्रोन का सफलतापूर्वक उपयोग कर रहा है। दरअसल अन्नामलाई विश्वविद्यालय में जल्द ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के युवाओं को मुफ्त में ड्रोन चलाना सिखाया जायेगा, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त करने में मदद मिलेगी। प्रशिक्षण का आयोजन अन्नामलाई विश्वविद्यालय के ‘सेंटर फॉर एयरो स्पेस रिसर्च’ द्वारा किया जाएगा। सीएएसआर 61,000 रुपये प्रति व्यक्ति की लागत से ड्रोन प्रशिक्षण दे रहा है, लेकिन एससी/एसटी युवाओं के लिए यह कोर्स विश्वविद्यालय की तरफ से मुफ्त किया गया है ।
आवेदन जल्द ही आमंत्रित किए जाएंगे और ट्रेनिंग पोंगल (मकरसंक्रांति ) की छुट्टियों के बाद शुरू होगा। सीएएसआर के अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक बैच 20 युवाओं को ट्रेनिंग देगा। छात्रों को 10 साल की वैधता के साथ अप्रूव्ड ड्रोन रिमोट पायलट लाइसेंस से सम्मानित किया जाएगा। तमिलनाडु आदि द्रविड़ हाउसिंग डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (टीएएचडीसीओ) और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) छात्रों को नौकरी पाने में मार्गदर्शन करेंगे।
टीएएचडीसीओ अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के छात्रों को ड्रोन खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। लाभार्थी कृषि ड्रोन वित्तपोषण और सब्सिडी योजनाओं या वाणिज्यिक बैंकों से 2.25 लाख रुपये की सब्सिडी का आकलन करने में सक्षम हो सकते हैं। अन्नामलाई विश्वविद्यालय से जुड़े मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने बताया, प्रशिक्षित युवा काम पाने के लिए उझावन ऐप की सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं और इससे एससी/एसटी समुदायों के युवाओं को लाभकारी रोजगार प्राप्त करने में मदद मिलेगी।