जोशीमठ में दरार वाले क्षेत्रों को डेंजर जोन घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन क्षेत्रों में बसे सभी लोगों को बाहर निकालने का भी आदेश जारी किया है। जोशीमठ में दरारें तेजी से बढ़ रही हैं। इसी को देखते हुए उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ और उसके आसपास सभी निर्माण गतिविधियों को रोक दिया गया है, क्योंकि कस्बे की इमारतों में दरारें आ गई हैं। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने शनिवार इसकी जानकारी दी है। जिलाधिकारी ने बताया कि जोशीमठ में स्थिति को देखते हुए सभी निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कस्बे का दौरा करने और लैंडस्लाइड प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने का कार्यक्रम है। जिलाधिकारी ने आगे कहा, “जोशीमठ में स्थानीय स्थिति को देखते हुए, अगले आदेश तक सभी प्रकार के निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं। मुख्यमंत्री जोशीमठ के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करेंगे और यहां राहत शिविरों का भी दौरा करेंगे।”
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को 9 परिवार विस्थापित हुए, जिनमें 4 परिवार जोशीमठ नगर निगम, एक गुरुद्वारा जोशीमठ, एक टूरिस्ट हॉस्टल मनोहर बाग व अन्य शामिल हैं। अब तक कुल 38 परिवार अपना घर छोड़ चुके हैं। गौरतलब है कि जोशीमठ नगरपालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार ने कहा कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर से पानी के रिसाव के कारण घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं। इस बीच, जोशीमठ में लगातार हो रहे भूस्खलन को देखते हुए राज्य सरकार ने स्थिति का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम को इलाके में भेजा है।
चमोली के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ललित नारायण मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि एहतियात के तौर पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमों को भी इलाके में तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, “हमें भविष्य के लिए सतर्क रहना होगा, इसलिए एहतियात के तौर पर एनडीआरएफ को तैनात किया जा रहा है।” उन्होंने कहा, “लगातार भूस्खलन के कारण, एनडीआरएफ को बुलाया गया है और विशेषज्ञों की टीम आज सुबह से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर रही है,” उन्होंने कहा कि इसमें जियोलॉजिस्ट, बिल्डिंग एक्सपर्ट, आईआईटी और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं।