विदेश। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने शनिवार को महिलाओं के घरेलू और विदेशी एनजीओ में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही सभी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को महिला कर्मचारियों की भर्ती नहीं करने का आदेश दिया। यह आदेश वित्त मंत्री कारी दीन मोहम्मद हनीफ के एक पत्र में आया है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई एनजीओ आदेश का पालन नहीं करता है, तो अफगानिस्तान में उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल रहमान हबीब ने इस आदेश की पुष्टि की है। मंत्रालय ने कहा कि उसे एनजीओ के लिए काम करने वाली महिला कर्मचारियों के बारे में ‘गंभीर शिकायतें’ मिली हैं, जो ‘सही तरह से हिजाब नहीं पहनती हैं।’
जिसके बाद अमेरिका ने तालिबान की निंदा करते हुए कहा है कि इस पाबंदी के कारण लाखों लोगों को जीवन रक्षक सहायता में व्यवधान उत्पन्न होगा। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शनिवार को कहा, दुनियाभर में महिलाएं मानवीय सहायता संचालन के केंद्र में हैं। यह (गैर सरकारी संगठनों में भर्ती पर रोक का) फैसला अफगान लोगों के लिए विनाशकारी होगा।’’ अफगानिस्तान के वित्त मंत्री कारी दिन मोहम्मद हनीफ के पत्र में एनजीओ संबंधी यह आदेश आया है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई एनजीओ आदेश का पालन नहीं करता है तो अफगानिस्तान में उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
पिछले साल, तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा किये जाने के बाद से महिला अधिकारों एवं स्वतंत्रता पर यह एक नवीनतम प्रहार है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह पाबंदी की इस खबर से बहुत परेशान हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ संयुक्त राष्ट्र तथा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों समेत उसके साझेदार 2.8 करोड़ से अधिक अफगानों की मदद कर रहे हैं, जो जीवित रहने के लिए मानवीय सहायता पर निर्भर हैं।’’ सहायता एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों की ओर से रविवार को बयान जारी किये जाने की संभावना है।