नई दिल्ली। कोरोना एक बार फिर खौफ का सबब बन रहा है। चीन सहित कई देशों में कोरोना संक्रमण में वृद्धि के कारण भारत में भी उसकी आहट सुनाई पड़ रही है। कोरोना संक्रमण की संभावित चौथी लहर से निपटने के लिए केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के बाद प्रदेश सरकार भी सतर्क हो गई है। संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से पर्याप्त इंतजाम का दावा किया जा रहा है। अस्पतालों में 27 दिसंबर को मॉक ड्रिल के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था को परखा जाएगा। यह मॉक ड्रिल साधारण न होकर असाधारण होने वाला है। इसमें देश के प्रत्येक जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्रित की जाएगी।
24 दिसंबर को स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित एक पत्र में, मंत्रालय ने कहा कि यह आवश्यक है कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किसी भी आपात स्थिति को संभालने के लिए आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय किए जाएं। साथ ही कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होने पर चिकित्सकीय देखभाल की जरूरतों को पूरा किया जा सके। मंत्रालय ने कहा, “इसलिए मंगलवार, 27 दिसंबर 2022 को देश भर में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं (खासतौर पर कोरोना से संबंधित) पर मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने एएनआई से बातचीत में कहा कि इन एशियाई देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति घोषित करने के लिए एयर सुविधा फॉर्म भरना भी अनिवार्य किया जाएगा। विश्व स्तर पर COVID के बढ़ते मामलों पर ध्यान देते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र और राज्यों को “मिलकर” और “सहयोग की भावना” में काम करने की आवश्यकता है, जैसा कि पिछले कोरोना वेव के दौरान किया गया था। मंडाविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों, प्रधान सचिवों, अतिरिक्त मुख्य सचिवों और सूचना आयुक्तों के साथ शुक्रवार को एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि देश को सतर्क रहने और कोविड प्रबंधन के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है।
कोविड संक्रमण से बचाव के लिए अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम है। लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए एहतियात बरतने को कहा गया है। अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को परखा जाएगा। – डॉ. आर. राजेश कुमार, सचिव स्वास्थ्य कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए राज्य में कुल 22428 ऑक्सीजन सिलिंडर हैं। इसके अलावा 9743 ऑक्सीजन कॅन्सेनट्रेटर समेत 86 स्थानों पर ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित हैं। सरकारी अस्पतालों में 762 आईसीयू बेड, 8189 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, 1032 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं।