नई दिल्ली। क्रिसमस डे के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में आखिरी बार ‘मन की बात’ की। रविवार सुबह 11 बजे उनके मासिक रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण हुआ। यह ‘मन की बात’ का 96वां एपिसोड था और 2022 का आखिरी। मन की बात में पीएम ने 2022 की उपलब्धियों का जिक्र किया और 2023 की चुनौतियों पर चर्चा की। कोरोना को लेकर सावधान रहने की हिदायत भी दी। आप भी देख रहे हैं कि दुनिया के कई देशों में कोरोना बढ़ रहा है। इसलिए हमें, मास्क और हाथ धुलने जैसी सावधानियों का और ज्यादा ध्यान रखना है। हम सावधान रहेंगे, तो सुरक्षित भी रहेंगे और हमारे उल्लास में कोई रुकावट भी नहीं पड़ेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि 2022 में हर क्षेत्र में भारत का दमखम देखने को मिला। उन्होंने कहा, ‘2022 वाकई कई मायनों में बहुत ही प्रेरक रहा, अद्भुत रहा। इस साल भारत ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किये और इसी वर्ष अमृतकाल का प्रारंभ हुआ। इस साल देश ने नई रफ़्तार पकड़ी, सभी देशवासियों ने एक से बढ़कर एक काम किया।’
देश के लोगों ने एकता और एकजुटता को सेलिब्रेट करने के लिए भी कई अद्भुत आयोजन किए। गुजरात के माधवपुर मेला हो, जहां रुक्मिणी विवाह, और, भगवान कृष्ण के पूर्वोतर से संबंधों को सेलिब्रेट किया जाता है या फिर काशी-तमिल संगमम् हो, इन पर्वों में भी एकता के कई रंग दिखे।
‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर याद किया। पीएम ने कहा, ‘आज हम सभी के श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपयी जी का जन्मदिन भी है। वे एक महान राजनेता थे, जिन्होनें देश को असाधारण नेतृत्व दिया। हर भारतवासी के ह्रदय में उनके लिए एक खास स्थान है।’ उन्होंने बताया, ‘मुझे कोलकाता से आस्था जी का एक पत्र मिला है। इस पत्र में उन्होंने हाल की अपनी दिल्ली यात्रा का जिक्र किया है।’
‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कहा, ‘कुछ दिन पहले ही मैं वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस के लिए गोवा में था। इसमें 40 से ज्यादा देशों के डेलिगेट्स शामिल हुए और यहां 550 से अधिक साइंटिफिक पेपर्स प्रजेंट किए गए। भारत सहित दुनियाभर की करीब 215 कंपनियों ने यहां एग्जिबिशन में अपने प्रोडक्टस को डिस्प्ले किया। चार दिनों तक चले इस एक्सपो में एक लाख से भी अधिक लोगों ने आयुर्वेद से जुड़े अपने एक्सपीरियंस को एंजॉय किया। आयुर्वेद कांग्रेस में भी मैंने दुनिया भर से जुटे आयुर्वेद एक्सपर्ट्स के सामने एविडेंस बेस्ड रिसर्च का आग्रह दोहराया। जिस तरह कोरोना वैश्विक महामारी के इस समय में योग और आयुर्वेद की शक्ति को हम सभी देख रहे हैं, उसमें इनसे जुड़ी एविडेंस बेस्ड रिसर्च बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगी।
पीएम मोदी ने कहा, ‘बीते कुछ वर्षों में हमने स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी कई बड़ी चुनौतियों पर विजय पाई है। इसका पूरा श्रेय हमारे मेडिकल एक्सपर्ट्स, साइंटिस्ट्स और देशवासियोँ की इच्छाशक्ति को जाता है। हमने भारत से स्मॉलपॉक्स, पोलिया और गिनी वॉर्म जैसी बीमारियों को समाप्त करके दिखाया है। सबके प्रयास से, ‘कालाजार’ नाम की ये बीमारी, अब, तेजी से समाप्त होती जा रही है। जरा सोचिए, हमारा देश जब ‘कालाजार’ से भी मुक्त हो जाएगा, तो ये हम सभी के लिए कितनी खुशी की बात होगी।’
‘नमामि गंगे’ के बारे में पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारी परंपरा और संस्कृति का मां गंगा से अटूट नाता है। ऐसे में सदियों से कल-कल बहती मां गंगा को स्वच्छ रखना हम सबकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है । इसी उद्देश्य के साथ, आठ साल पहले, हमने, ‘नमामि गंगे अभियान’ की शुरुआत की थी ।” हम सभी के लिए यह गौरव की बात है, कि, भारत की इस पहल को, आज, दुनियाभर की सराहना मिल रही है। संयुक्त राष्ट्र ने ‘नमामि गंगे’ मिशन को ईकोसिस्टम को रीस्टोर करने वाले दुनिया के टॉप टेन इनिशिएटिव्स में शामिल किया है। ये और भी खुशी की बात है कि पूरे विश्व के 160 ऐसे इनिशिएटिव्स में ‘नमामि गंगे’ को यह सम्मान मिला है।’
‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कहा कि ‘मुझे खुशी है कि ‘स्वच्छ भारत मिशन’ आज हर भारतीय के मन में रच-बस चुका है। साल 2014 में इस जन आंदोलन के शुरू होने के साथ ही, इसे, नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए, लोगों ने, कई अनूठे प्रयास किये हैं और ये प्रयास सिर्फ समाज के भीतर ही नहीं बल्कि सरकार के भीतर भी हो रहे हैं। लगातार इन प्रयासों का परिणाम यह है – कूड़ा कचरा हटने के कारण, बिन जरुरी सामान हटने के कारण, दफ्तरों में काफी जगह खुल जाती है, नया स्पेस मिल जाता है।’