नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी के दीवानों के लिए बुरी खबर है। दुनिया के बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज में से एक एफटीएक्स ने शुक्रवार को दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन किया। लोग इस झटके से उबरे भी नहीं थे कि ग्राहकों के 100 करोड़ डॉलर या करीब 8054 करोड़ रुपये) एक्सचेंज से गायब होने का खुलासा हुआ। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सचेंज के संस्थापक सैम बैंकमेन ने बिना किसी को बताए एफटीएक्स से यह रकम अपनी ट्रेडिंग कंपनी अलामेडा रिसर्च में भेज दी। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस कुल राशि के ट्रांसफर के बाद से ही ग्राहकों के फंड एक बड़ा हिस्सा गायब है। कुछ लोगों का दावा है कि 1.7 अरब डॉलर या 13,600 करोड़ रुपये गायब हैं। जबकि कुछ का दावा है कि यह राशि 100 करोड़ डॉलर से 200 करोड़ डॉलर के बीच है।

रिपोर्ट के मुताबिक, फंड गायब होने का पता पिछले रविवार को बैंकमेन-फ्राइड के दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शेयर किए गए रिकॉर्ड्स से चला। दावा किया जा रहा है कि इन रिकॉर्ड्स से वर्तमान तक की स्थिति का पता चल गया है। रिपोर्ट की जानकारी एफटीएक्स में वरिष्ठ पदों पर काम करने वाले लोगों ने दी है, जो इस हफ्ते तक एक्सचेंज में काम कर रहे थे। उन्होंने बताया है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति पर उन्हें जानकारी शीर्ष अधिकारियों ने दी है।

एफटीएक्स में तब तक सब अच्छा चल रहा था, जब तक उसने अपने प्रतिद्वंद्वी एक्सचेंज बिनेंस को खरीदने की कोशिश नहीं की थी। यह सौदा असफल रहा और इसका कंपनी की आर्थिक सेहत पर काफी बुरा असर पड़ा। इसके बाद इस हफ्ते की शुरुआत में ग्राहक बड़ी संख्या में विड्रॉल करने लगे। एक्सचेंज इससे उबर नहीं पाया और पूरी तरह ढह गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकमेन ने कहा है कि वह इस 10 अरब डॉलर के ट्रांसफर की गलत तस्वीर पेश किए जाने के तरीके से असहमत हैं। इस राशि को छुपा कर ट्रांसफर नहीं किया गया है। हालांकि, खबर लिखे जाने तक एफटीएक्स और अलामेडा ने गायब हो चुके फंड्स के बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बैंकमेन ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा कि वह देख रहे हैं कि एफटीएक्स में क्या हो गया था। वह इस हफ्ते की शुरुआत में हुई चीजों को लेकर बहुत हैरान हैं। बैंकमेन का कहना है कि वह जल्द ही पूरी घटनाओं पर एक पूरा पोस्ट लिखेंगे।

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