नई दिल्ली। गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन के शेयर पांच प्रतिशत लुढ़कर कर 697 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए। कंपनी के शेयरों में यह गिरावट सरकार की ओर से इसकी पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की खबरों बाद आई है। सरकार  की कोर से कहा गया है कि वह आईआरसीटीसी में आपनी पांच प्रतिशत हिस्सेदारी ऑफर फोर सेल के जरिए बेचेगी।

 

कंपनी के प्रमोटर भारत सरकार ने यह प्रस्ताव दिया है कि वह आईआरसीटीसी में अपने दो करोड़ इक्विटी शेयर बेचेगी। यह कंपनी के कुल इश्यू और पेडअप शेयरों का 2.5% हिस्सा है। इसके साथ ही अतिरिक्त दो करोड़ (2.5%) शेयरों की बिक्री का ऑप्शन भी मौजूद रहेगा। कंपनी की ओर से बीएसई फाइलिंग के दौरान यह जानकारी दी गई। ओएफएस के लिए कंपनी के शेयरों की कीमत 680 रुपये प्रति शेयर तय की गई है। इस तरह ऑफर फोर सेल के तहत कंपनी के शेयर बुधवार को बंद हुए बाजार मूल्य 734.90 पर 7% प्रतिशत के डिस्काउंट के साथ उपलब्ध होगा।

 

आईआरसीटीसी में अपनी 5% की हिस्सेदारी बेचकर सरकार अपने खजाने के लिए 2720 करोड़ रुपये जुटाना चाह रही है। गैर खुदरा निवेशकाें के लिए ऑफर फोर सेल गुरुवार को खुलेगा, जबकि खुदरा निवेशक इन शेयरों के लिए शुक्रवार से बोली लगा सकेंगे। सरकार की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। ओएफएस का 25% हिस्सा म्यूचुअल फंड्स और बीमा कंपनियों के लिए रिजर्व होगा। खुदरा निवेशकों के लिए 10% रिजर्व किया गया है।

 

गुरुवार के दिन शुरुआती कारोबार में आईआरसीटीसी के शेयर अपने पिछले दिन की क्लोजिंग 735 रुपये प्रति शेयर की तुलना में 4.6% लुढ़क कर 701 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे। पिछले छह महीनों के दौरान कंपनी के शेयरों में 13 प्रतिशत की बढ़त दिखी है जबकि इस साल में अब तक कंपनी के शेयरों में 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। हालाकि, कंपनी के शेयरों ने सितंबर 2019 में अपनी आईपीओ लिस्टिंग के बाद से अब तक निवेशकों को 350% का रिटर्न दिया है।

 

आईआरसीटीसी के शेयरों पर रिटर्न का हाल

1 दिन -5.73%
1 सप्ताह -3.86%
1 महीना -6.46%
3 महीना -4.36%
1 वर्ष -18.61%
3 वर्ष 288.99%

 

आईआरसीटीसी के ओएफएस का काम एक्सिस कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स, गोल्डमैन सैक्स और जेएफ फाइनेंशियल जैसे फर्म देख रहे हैं। आईआरसीटीसी में 5% हिस्सेदारी की बिक्री का यह फैसला सरकार की विनिवेश का लक्ष्य हासिल करने की कवायद का हिस्सा है। केंद्र सरकार वर्ष 2022-23 में विनिवेश के तहत 65,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है।

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