नई दिल्ली। भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सर्वर पर हुए साइबर अटैक को लेकर बुधवार को बड़ा खुलासा हुआ है। केंद्रीय परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की एम्स के सर्वर पर हुआ ये हमला कहीं और से नहीं बल्कि चीन से हुआ था। चीनी हैकर्स ने एम्स के 100 सर्वर में से पांच को हैक कर लिया था जिसके बाद लगभग दो हफ्तों से ज़्यादा लम्बे समय तक अस्पताल के अधिकतर काम ठप हो चुके थे, हालांकि अब इन पांचों सर्वर से डाटा वापस हासिल कर लिया गया है।

आपको बता दें कि 23 नवंबर को एम्स के सर्वर को हैक कर लिया गया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलीजेंस फ्यूजन स्ट्रैट्रिक आपरेशंस (आइएफएसओ) को मिली जानकारी के मुताबिक यह साइबर अटैक हांगकांग की दो मेल आईडी से किया गया था। हमले में इस्तेमाल ईमेल का आइपी एड्रेस हांगकांग बताया जा रहा है, साथ ही चीन भी अब शक के दायरे में आ चुका है।

 

दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, जांच में एक मेन मेल आइडी का आइपी एड्रेस 146.196.54.222 है और पता ग्लोबल नेटवर्क, फ्रांसिट लिमिटेड रोड डी/तीन एफ ब्लाक-दो, 62 युआन रोड हांगकांग-00852 है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जानकारी विदेश मंत्रालय को दी थी, क्योकि साइबर अटैक का यह मामला विदेश से लिंक हो गया है

 

हाल ही में दिल्ली पुलिस द्वारा इस मामले से जुडी भ्रमित कारण वाली खबरों का खंडन किया है और बताया कि हैकर्स ने एम्स के सिस्टम को बहाल करने के लिए फिरौती के तौर पर क्रिप्टोकरेंसी में 200 करोड़ रुपये डिमांड नहीं रखीं है।

 

एम्स में हुए इस साइबर हमले से नियुक्तियों की प्रणाली से लेकर बिलिंग और विभागों के बीच रिपोर्ट साझा करने तक अस्पताल की लगभग सभी ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित हुईं थी। हर साल कई बड़े नेता, अधिकारी और न्यायाधीश सहित लगभग 38 लाख मरीज एम्स में अपना इलाज करवाते हैं। इसी वजह से ये आशंका जताई गई है कि मरीजों का डाटा चुराये जाने के मकसद से एम्स के सर्वर को हैक किया गया था।

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