नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। उस कोशिश को भारतीय सैनिकों ने विफल तो कर दिया। इस विवाद पर पहली बार अमेरिका की प्रतिक्रिया आई है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि बाइडेन प्रशासन इस बात से खुश है कि भारत और चीन दोनों देश झड़प के बाद तुरंत पीछे हट गए।
अमेरिका ने क्या कहा ?
अमेरिका ने इस बात पर खुशी जाहिर की है कि समय रहते दोनों ही देशों की सेनाओं ने डिसइनगेजमेंट किया और स्थिति को नियंत्रण में रखा। उन्होंने कहा, “हमें खुशी है कि दोनों पक्ष झड़प के बाद तुरंत पीछे हट गए. हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और भारत और चीन को सीमा विवाद पर चर्चा के लिए मौजूदा द्विपक्षीय चैनलों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करते हैं” जारी बयान में कहा गया कि इस बात की खुशी है कि दोनों ही सेनाएं समय रहते पीछे हट गईं। हम स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
हम दोनों ही देश, भारत और चीन को बातचीत करने के लिए प्रेरित करते हैं, सीमाओं को लेकर जो भी विवाद है, बातचीत के जरिए समाधान किया जाए। इससे पहले चीन ने भी 9 दिसंबर की घटना पर अपना बयान जारी किया था। आक्रमक होने के बजाय चीन ने तब सिर्फ इतना कहा था कि भारतीय सीमा पर स्थिति ‘स्थिर’ है।
पेंटागन ने क्या कहा ?
इसके साथ ही पेंटागन ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिकी रक्षा विभाग भारत-चीन सीमा पर एलएसी के घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए है। पेंटागन के प्रेस सचिव पैट रायडर ने कहा, “अमेरिका ने देखा कि चीन एलएसी के क्षेत्र में सेना जुटा रहा है और सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। अमेरिका तनाव की स्थिति को कम करने के लिए भारत के चल रहे प्रयासों का पूरा समर्थन करता है।”
पैट राइडर ने कहा कि हम अपने सहयोगी देशों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेंगे। हम तनाव को कम करने के भारत के प्रयास का पूरा समर्थन करते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया जानती है कि चीन किस तरह से तानाशाही कर सीमा पर अपने बलों को इकट्ठा कर तथाकथित सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। चीन खुद को मुखर करने और अमेरिकी सहयोगियों और इंडो-पैसिफिक में हमारे भागीदारों द्वारा निर्देशित क्षेत्रों में जबरन हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहा है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद भारत-चीन सीमा पर तनाव को कम करने का आह्वान किया है।
रक्षा मंत्री ने क्या कहा था ?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना के जवानों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का उल्लंघन करने से चीनी सेना को बहादुरी से रोका।
रक्षा मंत्री ने मंगलवार को संसद में कहा, “मैं इस सदन को बताना चाहता हूँ, कि हमारा कोई भी सैनिक शहीद नहीं हुआ है, और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। मैं सदन को यह भी विश्वास दिलाता हूं कि हमारी सेना देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा कर सकती है। हमारी सेना किसी भी अतिक्रमण से निपटने के लिए तैयार है। मुझे पूरा भरोसा है कि सदन हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी और साहस का समर्थन करेगा।”