नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में दिसंबर का महीना कप-कपाती ठंड का माना जाता है। दिसंबर आते ही लोग जैकेट, मोटे-मोटे स्वेटर पहनना शुरू कर देते है। लेकिन इस बार दिसंबर मानो अक्टूबर या मार्च का महीना हो। पिछले 2 दिनों से दिन का तापमान सामान्य से लगभग 4 से 5 डिग्री ऊपर चल रहा है।
लोगों के मन में सवाल है कि दिसबंर के महीने में दिन का तापमान सामान्य से अधिक क्यों है और सर्दी क्यों नहीं पड़ रही है? इस बीच मौसम विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, मौजूदा परिस्थितियां कल यानी 13 दिसंबर तक रहेंगी। इसके बाद तापमान में गिरावट दर्ज होने का अनुमान है। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का सीधा असर मैदानी इलाकों के मौसम पर पड़ता है। ऐसे में अब उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में हाड़ कंपाने वाली यानी हड्डियां गलाने वाली ठंड आने वाली है।
दिसंबर के महीने में क्यों है गर्मी
स्काईमेट के अनुसार पहाड़ों पर सक्रिय कमजोर वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से ठंडी हवाओं का राजधानी में आने का सिलसिला रुक गया है। इसी वजह से राजधानी में दो दिनों के दौरान दिन में गर्मी भी बढ़ी है। मंगलवार से राजधानी में एक बार फिर तापमान कम होना शुरू हो जाएगा। रविवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री रहा। यह सामान्य से 4 डिग्री अधिक है। पीतमपुरा में अधिकतम तापमान 29.4 और सीडब्ल्यूजी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 28.2 डिग्री रहा। वहीं, न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री रहा। यह सामान्य है। हवा में नमी का स्तर 41 से 97 प्रतिशत तक रहा।
ठंड का इंतजार खत्म
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, ऐसा भी नहीं है कि सर्दियां दिल्ली से काफी दूर हैं। IMD का अनुमान है कि 13 दिसंबर यानी मंगलवार से एक बार फिर से हवा की रफ्तार तेज होगी क्योंकि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर अब हिमालय के इलाकों में लगभग खत्म हो चुका है. इसलिए जो बर्फबारी हिमालय के इलाकों में हुई है। कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में उसका असर दिल्ली की सर्दी पर भी दिखाई देगा। दरअसल, हवाओं की रफ्तार तेज होने के साथ ही हवा की दिशा भी उत्तर पश्चिम की ओर से आएगी। जो अपने साथ बर्फ वाली ठंड भी दिल्ली की ओर लाने वाली है।