नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मंडावी गांव में बोरवेल में गिरे तन्मय साहू की मौत हो गई है। उसे सुबह 6 बजे रेस्क्यू किया गया था। जांच के बाद डॉक्टरों ने तन्मय को मृत घोषित कर दिया। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है। 84 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के टीम को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। तन्यम की मौत की खबर सुनते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
मंगलवार की शाम तन्मय साहू खेलते समय बोरबेल में गिर गया था। उसे बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था। सुंरग के रास्ते में चट्टान फंसने से रेस्क्यू में देरी हुई। शनिवार सुबह 6 बजे तन्मय को बाहर निकाला गया। इसके बाद रेस्क्यू टीम उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंची जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए प्रशासन ने बोरवेल के बगल से करीब 44 फीट गहरा गड्डा खोदा था। उसके बाद एक 9 फीट लंबी टनल बनाई गई। NDRF की टीम ने इसी सुरंग के जरिये तन्मय को बाहर निकाला। लेकिन टनल के रास्ते पर बड़ी चट्टान फंस गई थी जिससे ऑपरेशन में देरी हुई। रेस्क्यू के लिए 60 से ज्यादा एनडीआरएफ के जवान लगे हुए थे। तन्मय के शव को पोस्टमार्टम के लिए एंबुलेंस से जिला अस्पताल रवाना किया गया है। कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने बताया कि रेस्क्यू का काम पूरा कर लिया गया है।
मां से कहा था डर लग रहा है
बोरवेल में फंसे तन्मय को बाहर निकालने के लिए प्रशासन लगातार मेहनत करता रहा। मंगलवार को तन्मय ने अपनी मां से कहा था कि मां यहां बहुत अंधेरा है मुझे बाहर निकालो।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जताया शोक
तन्मय को सुरक्षित बचाने के लिए मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रशासन के अथक प्रयासो के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। दुःख की इस घड़ी में तन्मय का परिवार स्वयं को अकेला न समझे, मैं और संपूर्ण मध्यप्रदेश परिवार के साथ है। राज्य सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
कैसे हुआ हादसा
मांडवी गांव के सुनील साहू का आठ साल का बेटा तन्मय मंगलवार शाम करीब पांच बजे खेलने के दौरान नानक चौहान के खेत में पुराने खुले पड़े बोरवेल में गिर गया था। सूचना मिलने के बाद प्रशासन मौके पर पहुंचा और बचाव का कार्य प्रारंभ किया गया। पोकलेन और बुलडोजरों की मदद से बोरवेल के पास 46 फीट गहराई तक खोदाई का काम किया गया। चट्टानों और पानी के रिसाव से बचाव दल को चार दिन का वक्त लग गया। इसी के चलते तन्मत को नहीं बचाया जा सका।