विदेश। एक तरफ रूस-यूक्रेन के युद्ध को 10 महीने हो चुके है जो रुकने का नाम नहीं ले रहा। तो वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अमेरिका का नाम लिए बिना उसे खुली धमकी दी है। पुतिन ने कहा- कोई भी इस गलतफहमी में न रहे कि रूस पीछे है। हमारे पास दुनिया के सबसे खतरनाक एटमी हथियार हैं, लेकिन हम इनका अपनी तरफ से पहले इस्तेमाल नहीं करेंगे।
इसी के साथ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा पश्चिमी देशों की ओर से होने वाली आलोचना के बावजूद यूक्रेन पर हमले जारी रखने का संकल्प लिया है। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि “(यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर) जेलेंस्की जानते हैं कि यह कब खत्म हो सकता है, अगर वह चाहें तो यह कल ही खत्म हो सकता है।”
क्रेमलिन काफी समय से कहता रहा है कि 10वें महीने में प्रवेश कर चुके युद्ध को खत्म करने के लिए यूक्रेन को रूस की शर्तें माननी होंगी। रूस की मांग है कि यूक्रेन, क्रीमिया को उसका(रूस का) हिस्सा माने। रूस ने साल 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर हमला करके उसे अपने कब्जे में ले लिया था। इसके अलावा वह कब्जाए हुए अन्य क्षेत्रों को भी मान्यता देने की मांग करता है।
इस बीच, पुतिन ने पश्चिमी देशों की परवाह किए बिना यूक्रेन में अपने घोषित लक्ष्य हासिल करने का संकल्प लिया। पुतिन ने सैनिकों से मुलाकात के दौरान कहा, “हम कोई कदम उठाते हैं तो पूरे ब्रह्मांड में शोर-शराबा, बकवासबाजी और चीख-पुकार शुरू हो जाती है। लेकिन यह हमें हमले जारी रखने से नहीं रोक पाएगा।”
पुतिन ने माना कि यूक्रेन में जंग जितनी लंबी खिंच गई है, वो उनके अनुमान से काफी ज्यादा है। रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था। अब करीब 10 महीने हो चुके हैं और दोनों देशों के बीच जंग जारी है। जंग के बाद से प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से कई बार फोन पर बात कर चुके हैं। अक्टूबर में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की से बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था- कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता। भारत शांति के किसी भी प्रयास में योगदान देने को तैयार है।