गुजरात में एक बार फिर भाजपा ने रचा इतिहास

नई दिल्ली। गुजरात की सत्ता में काबिज भाजपा एक बार फिर बहुमत से सरकार बना ली हैं। 27 साल से गुजरात की कुर्सी पर हैं भाजपा का राज। रुझानों में बीजेपी अबतक की सबसे बड़ी जीत हासिल करके इतिहास रचने जा रही है।भाजपा के उत्साहित कार्यकर्ता पार्टी दफ्तर में नाच-गाना करने में लगे हैं। सुबह से ही पार्टी कार्यालय पर कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा होनी शुरु हो गई थी।

गुजरात की जनता से पीएम मोदी ने चुनावी रैलियों से अपील की थी कि वो चाहते हैं कि नरेंद्र का रिकॉर्ड भूपेंद्र तोड़ें, भूपेंद्र भाई पटेल के नेतृत्व में बीजेपी ने अबतक की सबसे बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा156 सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा जहां बहुमत से कहीं आगे निकल गई है वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का बुरा हाल है। 2017 के मुकाबले इस बार दोनों ही चरणों में कम मतदान हुआ। पहले चरण में 60.20 लोगों ने वोट डाला था, जबकि पांच दिसंबर को हुए दूसरे चरण में 64.39 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

 

वहीं गुजरात में हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस राज्य प्रभारी रघु शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है।वहीं, पिछले दिनों कांग्रेस नेता रघु शर्मा ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा था कि एग्जिट पोल पिछली बार भी बीजेपी को 150 सीटें दे रही थीं। लेकिन बीजेपी को 99 सीट ही मिली थी। कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर काम किया है। उन्होंने कहा था कि लोगों के मुद्दे उठाए, महंगाई, बेरोजगारी और गुजरात के मुद्दे उठाए हैं। जिसको लेकर कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा ने पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है।

गुजरात में अब तक भाजपा का प्रदर्शन

गुजरात में अब तक का किसी भी पार्टी का ये बेहतरीन प्रदर्शन है। इससे पहले 149 सीटों के साथ ये रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के पास था। वहीं साल 2002 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 127 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2001 में आंतरिक उठापटक के बाद बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया। मोदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद अगले ही साल 2002 में चुनाव हुए। मोदी के नेतृत्व में इस चुनाव में बीजेपी ने 127 सीटों पर जीत दर्ज की। पार्टी को 49.85 फीसदी लोगों ने वोट किया था। पार्टी के वोट शेयर में भी 5.04 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई थी। 1990 के बाद पार्टी का ये सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था। 2002 के बाद से पार्टी की सीटों में लगातार गिरावट हुई है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *