विदेश। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सउदी अरब पहुँच रहे हैं, जहाँ वो चीन-खाड़ी देश के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस यात्रा के दौरान सऊदी अरब और चीन के बीच 29.3 अरब डॉलर की डील होगी। जिनपिंग का सऊदी अरब का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब सऊदी अरब और अमेरिका के बीच एनर्जी पॉलिसी से लेकर क्षेत्रीय सुरक्षा और मानवाधिकार मामलों को लेकर तनाव चरम पर है। वह वहां अमेरिका के खिलाफ जीसीसी सदस्य देशों का समर्थन जुटाने की पुरजोर कोशिश करेंगे।
उनका यह दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस बयान के बाद हो रहा है, जिसमें बाइडेन ने कहा था कि अमेरिका, मिडिल ईस्ट पर चीन की पैठ नहीं बनने देगा। उन्होंने कहा था कि हम मिडिल ईस्ट से नहीं जाएंगे और चीन, रूस और ईरान को यहां पैठ नहीं बनाने देंगे। शी जिनपिंग जीसीसी के छह सदस्य देशों के प्रमुखों के साथ बैठक में शिरकत करेंगे। जीसीसी एक क्षेत्रीय, अंतरसरकारी, राजनीतिक और आर्थिक संगठन है जिसमें बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।
तेल के उत्पादन को लेकर अमेरिका और सऊदी अरब के बीच कहासुनी से सभी वाकिफ हैं। इस साल अक्टूबर में ओपेक प्लस देशों ने वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए प्रतिदिन की दर से तेल के उत्पादन में 20 लाख बैरल की कटौती की थी। अमेरिका के विरोध के बावजूद यह फैसला लिया गया था। चीन में सरकार के विरोध में लगातार बढ़ रहे प्रदर्शनों के बीच जिनपिंग सऊदी अरब जा रहे हैं। चीन में जिनपिंग की जीरो कोविड पॉलिसी का पुरजोर विरोध हो रहा है।
शी जिनपिंग ने साल 2016 में सउदी अरब, ईरान और मिस्र का दौरा किया था और उनके बीच कूटनीतिक समझौते भी हुए थे। समाचार एजेंसी शिनुआ के अनुसार, चीन अब तक अरब देशों और अरब लीग के साथ 12 कूटनीतिक समझौते कर चुका है। 20 अरब देशों, अरब लीग और चीन के बीच बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट को मिलकर तैयार करने का समझौता भी किया जा चुका है। ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रकचर के क्षेत्र में 200 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं।