क्या होता है एग्जिट पोल, कैसे पता चलता है किसकी बन सकती है सरकार ?

नई दिल्ली। गुजरात, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर सोमवार को वोटिंग खत्म हो गई। इसी के साथ ही Exit Poll भी जारी कर दिए गए। गुजरात में जहां बीजेपी पूरे दम के साथ रिपीट करती दिख रही है, AAP का MCD में कब्जा हो सकता है और हिमाचल में कांटे की टक्कर रहेगी।

इसमें बताया जाएगा कि किस राज्य में किस पार्टी की सरकार बन रही है? किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी? क्या गुजरात और हिमाचल में भाजपा अपनी सत्ता बचाने में कामयाब होगी या फिर सत्ता परिवर्तन होगा? ये सबकुछ एग्जिट पोल में बताया जाएगा। ऐसे में 7 और 8 दिसंबर को ही पता चलेगा कि किस सर्वे एजेंसी के एग्जिट पोल सबसे सटीक है। तो चलिए पहले आपको बताते हैं कि ये क्या होता है एग्जिट पोल? साथ ही एग्जिट पोल कैसे तैयार किया जाता है?

क्या होता है एग्जिट पोल

एग्जिट पोल मतदान के तुरंत बाद किया जाता है। एग्जिट पोल में केवल मतदाता को ही शामिल किया जाता है। इससे पता चलता है कि लोगों ने किस पार्टी पर भरोसा जताया है। एग्जिट पोल का प्रसारण मतदान के पूरी तरह से खत्म होने के बाद ही किया जाता है। भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन (आईआईपीयू) के प्रमुख एरिक डी कोस्टा ने की थी।

 

भारत में 1998 में पहली बार टीवी पर एग्जिट पोल का प्रसारण किया गया।

 

दरअसल एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे होता है। मतदान वाले दिन जब मतदाता वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो वहां अलग-अलग सर्वे एजेंसी और न्यूज चैनल के लोग मौजूद होते हैं। वह मतदाता से वोटिंग को लेकर सवाल पूछते हैं। इसमें उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसको वोट दिया है? इस तरह से हर विधानसभा के अलग-अलग पोलिंग बूथ से वोटर्स से सवाल पूछा जाता है।

मतदान खत्म होने तक ऐसे सवालों के बड़ी संख्या में जवाब एकत्र हो जाते हैं। इन आंकड़ों को जुटाकर और उनके उत्तर के हिसाब से अंदाजा लगाया जाता है कि पब्लिक का मूड किस ओर है? मैथमेटिकल मॉडल के आधार पर ये निकाला जाता है कि कौन सी पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं? इसका प्रसारण मतदान खत्म होने के बाद ही किया जाता है।

 

कितने लोगों से सवाल पूछा जाता है?

वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद श्रीवास्तव बताते हैं कि एग्जिट पोल कराने के लिए सर्वे एजेंसी या न्यूज चैनल का रिपोर्टर अचानक से किसी बूथ पर जाकर वहां लोगों से बात करता है। इसमें पहले से तय नहीं होता है कि वह किससे सवाल करेगा? आमतौर पर मजबूत एग्जिट पोल के लिए 30-35 हजार से लेकर एक लाख वोटर्स तक से बातचीत होती है। इसमें क्षेत्रवार हर वर्ग के लोगों को शामिल किया जाता है।

दुनिया में चुनावी सर्वे की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में हुई थी

दुनिया में चुनावी सर्वे की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में हुई थी। जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन ने अमेरिकी सरकार के कामकाज पर लोगों की राय जानने के लिए ये सर्वे किया था। बाद में ब्रिटेन ने 1937 और फ्रांस ने 1938 में अपने यहां पोल सर्वे कराए.जर्मनी, डेनमार्क, बेल्जियम तथा आयरलैंड में चुनाव पूर्व सर्वे कराए गए।

ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में क्या होता है अंतर? 

ओपिनियन पोल चुनाव से पहले कराए जाते हैं। ओपिनियन पोल में सभी लोगों को शामिल किया जाता है। भले ही वो वोटर हों या नहीं हों। ओपिनियन पोल के रिजल्ट के लिए चुनावी दृष्टि से क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर जनता की नब्ज को टटोलने का प्रयास किया जाता है। इसके तहत क्षेत्रवार यह जानने की कोशिश की जाती है कि जनता किस बात से नाराज और किस बात से संतुष्ट है।

एग्जिट पोल मतदान के तुरंत बाद किया जाता है।  एग्जिट पोल में केवल वोटर्स को ही शामिल किया जाता है। मतलब इसमें वही लोग शामिल होते हैं, जो वोट डालकर बाहर निकलते हैं। एग्जिट पोल निर्णायक दौर में होता है। मतलब इससे पता चलता है कि लोगों ने किस पार्टी पर भरोसा जताया है। एग्जिट पोल का प्रसारण मतदान के पूरी तरह से खत्म होने के बाद ही किया जाता है।

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