नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस से तेल और गैस के आयात पर यूरोप को आईना दिखाया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि भारत की ऊर्जा जरूरतें सिर्फ वही तय करेगा। यह प्राथमिकता यूरोप या कोई और विदेशी मुल्क तय नहीं कर सकता है। इसी के साथ जयशंकर ने सोमवार को पाकिस्तान से बातचीत शुरू करने के लिए एक शर्त रखी है। उन्होंने कहा कि भारत, पाकिस्तान से तब तक बातचीत शुरू नहीं करेगा जब वो आतंक का साथ नहीं छोड़ देता है। जयशंकर ने यह बयान जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक से बातचीत के दौरान दिया है।
विदेश मंत्री ने दो-टूक कहा है कि यूरोप खुद कुछ करे और भारत से कुछ और कहने के लिए कहे, यह कैसे संभव है। रूस से जितना 10 देश मिलकर तेल, गैस और कोयला आयात करते हैं, यूरोप ने उससे ज्यादा इनका इम्पोर्ट किया है। विदेश मंत्री ने कहा, यूरोपीय संघ ने फरवरी से नवंबर तक रूस से अगले दस देशों की तुलना में अधिक जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) का आयात किया है। यूरोपीय संघ का तेल आयात भारत के तेल आयात से छह गुना ज्यादा है।
सोमवार को विदेश मंत्री ने इस पर फिर यूरोप को आईना दिखाया। रूस से ईंधन आयात पर जयशंकर ने कहा कि यूरोप ने उन 10 देशों को मिलाकर रूस से ज्यादा तेल, गैस और कोयले का आयात किया है जो इस मामले में उसके बाद आते हैं। फरवरी से नवंबर के बीच यूरोपीय यूनियन ने ऐसा किया है। यूरोप भारत की ऊर्जा जरूरतों को तय नहीं कर कर सकता है। वह यह भी नहीं बता सकता है कि भारत क्या कहा से खरीदेगा। खुद वह कुछ करे और भारत से कुछ करने के लिए कहे। इस चीज को समझने की जरूरत है।
एस जयशंकर और जर्मनी की विदेश मंत्री के बीच न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि यूक्रेन जंग, अफगानिस्तान, ईरान और सीरिया को लेकर भी चर्चा हुई। जिसे भारत की तरफ से काफी महत्वपूर्ण बताया गया। विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक से बातचीत के दौरान भारत ने रूस को लेकर अपना स्टैंड फिर से स्पष्ट किया है।