मुस्लिम महिलाओं को टिकट देना इस्लाम के खिलाफ - शब्बीर अहमद

नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी फेज के लिए कल यानी 5 दिसंबर को वोटिंग होनी है। इस बीच, चुनाव को लेकर अहमदाबाद की जामा मस्जिद के शाही इमाम शब्बीर अहमद सिद्दीकी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि औरत का इस्लाम में एक मकाम है। इसलिए जो कोई भी औरतों को टिकट देते हैं, वे इस्लाम के खिलाफ बगावत करते हैं। इस्लाम के खिलाफ उनका ये अमल है। मर्द नहीं हैं क्या?

अहमदाबाद की जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा, “जिन्हें मस्जिद और मजार में जाने की इजाज़त नहीं, वो असेंबली में कैसे जा सकती हैं। मुस्लिम महिलाओं को चुनावी टिकट देने वाले इस्लाम के खिलाफ हैं, वो मजहब को कमजोर कर रहे हैं। क्या कोई आदमी नहीं बचा है, जिसे चुनाव में टिकट दिया जा सके?”

शाही इमाम ने कहा कि इस्लाम की बात लाई है, तो कहना चाहूंगा कि अभी नमाज के दौरान देखा कि मस्जिद में एक भी औरत नजर नहीं आई। इस्लाम में सबसे ज्यादा अहमियत नमाज को दी जाती है। अगर औरतों का इस तरह से लोगों के सामने आना जायज होता, तो उन्हें मस्जिद से नहीं रोका जाता। मस्जिद से रोक दिया गया, क्योंकि इस्लाम में औरतों का एक मकाम है।

उन्होंने कहा कि इस तरह बिना मजबूरी औरतों को विधायक, पार्षद बनाएंगे, तो हम हिजाब को महफूज नहीं रख सकेंगे। अगर हम हिजाब के मसले को हुकूमत के सामने रखें, तो वो कहेगी कि आपकी औरतें असेंबली में आ रही हैं, स्टेज पर बैठ रही हैं, इस्लाम में औरत की आवाज भी औरत है, इसलिए मैं इसका सख्त मुखालिफ हूं।

उन्होंने आगे कहा कि जो लोग मुस्लिम महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारते हैं वे इस्लाम से बगावत करते हैं. हमारे मजहब में पुरुषों की कोई कमी नहीं है। इससे पहले इमाम ने कहा था कि मुस्लिमों के वोटों में बटवारे के चलते साल 2012 में अहमदाबाद की जमालपुरा सीट पर भी भाजपा ने कब्ज़ा कर लिया था। इस बार एकजुट होकर वोट करना है। मुस्लिम उसी को विजयी बनाएं, जो उनका प्रतिनिधित्व करता हो।

बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए सोमवार को वोट डाले जाने है। खुद शब्बीर भी दूसरे, यानी कि अंतिम चरण के चुनाव में 5 दिसंबर, 2022 को अहमदाबाद में जाकर अपना मतदान करेंगे।

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