विदेश। इस्लामिक स्टेट ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी में पाकिस्तान के दूतावास पर हमले की जिम्मेदारी ली। संगठन की तरफ से बयान जारी कर इसकी जिम्मेदारी ली गई है। हमले में आतंकियों ने पाकिस्तानी राजदूत उबैदुर रहमान निजामनी को निशाना बनाया गया था। हमले में उनका गार्ड गंभीर रूप से घायल हो गया था।
सोशल मीडिया पर अरबी में एक बयान में, आतंकी समूह आईएसआईएस खुरासान गुट ने दावा किया कि उसके दो सदस्यों ने मध्यम हथियारों और स्नाइपर्स से लैस होकर राजदूत और उनके गार्डों को निशाना बनाया। वह उस समय शुक्रवार को दूतावास के बाहर में मौजूद थे।
विदेश कार्यालय (एफओ) ने कहा कि वह काबुल में आईएसआईएस-के द्वारा दावा का सत्यापन कर रहा है। साथ ही कहा कि स्वतंत्र रूप से और अफगान अधिकारियों के परामर्श से हम इन रिपोर्टों की सत्यता की पुष्टि कर रहे हैं। साथ ही विदेश कार्यालय ने कहा कि हमें आतंकी खतरे को हराने के लिए अपनी पूरी सामूहिक शक्ति के साथ लड़ना होगा।
विदेश कार्यालय ने आगे कहा कि पाकिस्तान अपनी ओर से आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। बता दें कि विदेश मंत्रालय के अधिकारी उबैद-उर-रहमान निजामानी को काबुल में पाकिस्तान दूतावास परिसर में टहलते समय अज्ञात बंदूकधारियों ने निशाना बनाया। हमले में उनका गार्ड गंभीर रूप से घायल हो गया। फिर पाकिस्तान सरकार ने घायल गार्ड को हेलीकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाया जिसका इलाज चल रहा है।
पाकिस्तान ने मांग की कि हमले के अपराधियों को पकड़ा जाना चाहिए साथ ही दूतावास परिसर की सुरक्षा के गंभीर उल्लंघन की जांच शुरू की जानी चाहिए। साथ ही कहा कि पाकिस्तान के राजनयिक परिसरों, अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। काबुल में पाकिस्तान के मिशन और जलालाबाद, कंधार, हेरात और मजार-ए-शरीफ में वाणिज्य दूतावासों में काम कर रहे हैं। अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने निजामनी पर हमले की कड़ी निंदा की।