एचपी में कर्मचारियों की छंटनी

नई दिल्ली। दुनिया भर की टेक कंपनियों से मंदी की आहट सुनाई देने लगी है। कई बड़ी-बड़ी एक कंपनियों में छटनी से बवाल मचा हुआ है। कुछ समय पहले ट्विटर, मेटा, अमेजन में हुई छंटनी के बाद एक और बड़ी टेक कंपनी ने नौकरियों में कटौती का फैसला किया है। लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता एचपी इंक से लगभग 6,000 नौकरियों में कटौती की उम्मीद है।

हालाँकि, राहत की बात यह है कि कंपनी तुरंत एक साथ छंटनी नहीं करेगी। बल्कि छंटनियों का यह दौर 2025 के अंत तक जारी रह सकता है। रिपोर्ट के अनुसार इस छंटनी के साथ कंपनी अपने ग्लोबल वर्कफोर्स में करीब 12 % की कटौती करने जा रहा है।

 

आपको बता दें टेक कंपनियों में एचपी सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार है। एचपी इंक वर्तमान में लगभग 50,000 लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहा है। कंपनी ने घोषणा की है कि वह आने वाले वर्षों में लगभग 4,000 से 6,000 कर्मचारियों को निकाल देगी। खासबात यह है कि कंपनी ने छंटनी की घोषणा अपनी वित्तीय वर्ष 2022 की रिपोर्ट पेश करने के दौरान की है। बयान में कहा गया है, “कंपनी को लगभग 4,000-6,000 कर्मचारियों की कटौती की उम्मीद है। छंटनी की यह प्रक्रिया 2025 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।

लैपटॉप की बिक्री में आई गिरावट तो लिया फैसला

कंपनी में बड़े पैमाने पर छंटनी की खबरों के बीच कंपनी के सूत्रों की ओर से दावकित गया है कि कोरोना महामारी के दौरान एचपी के लैपटॉप और कंप्यूटर डिवाइस की बिक्री में नाटकीय रूप से तेज उछाल आया था। लेकिन महामारी के बाद स्कूल दफ्तर खुलने के बाद पीसी और लैपटॉप सेगमेंट की बिक्री एक बार फिर औंधे मुंह गिर गई। तेजी से घटती ब्रिकी के चलते कंपनी की ओर से नौकरियों में कटौती का फैसला आया है।

क्या टेक कंपनियों को सता रहा है वैश्विक मंदी का डर

बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां इस वक्त मंदी की आहट को सुन रही हैं। वैश्विक बाजारों में महंगाई और मंदी की चिंता भी कंपनियों द्वारा छंटनी के निर्णायक कारकों में से एक हो सकती है। इन स्थितियों को देखते हुए, एचपी इंक को पहली तिमाही में कमजोर मांग को देखते हुए उम्मीद से कम मुनाफा होने की उम्मीद है। हालांकि कंपनी ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह छंटनी भारत सहित अन्य वैश्विक बाजारों में कब से शुरू होगी।

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