नई दिल्ली। झारखंड के पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक 81 वर्षीय समरेश सिंह का गुरुवार को उनके बोकारो स्थित आवास पर निधन हो गया हैं। झारखंड की राजनीति के दिग्गज और झारखंड सरकार में मंत्री समरेश सिंह को एक दिन पहले ही रांची के मेदांता अस्पताल से बोकारो स्थित उनके घर लाया गया था। समरेश सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और पिछले महीने की 12 तारीख को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें पहले बीजीएच और फिर रांची के मेदांता अस्पताल ले जाया गया।
बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं समरेश सिंह
बोकारो के पूर्व विधायक समरेश सिंह बीजेपी के संस्थापक सदस्य रह चुके हैं। साल 1977 में पहली बार समरेश सिंह बाघमारा विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीते और इसके बाद 1980 में मुंबई में हुए बीजेपी के पहले अधिवेशन में कमल का चिन्ह रखने का उनका सुझाव था, जिसे केंद्रीय नेताओं ने मंजूर कर लिया। दरअसल, समरेश सिंह को 1977 के चुनाव में कमल के निशान पर ही जीत मिली थी बाद में समरेश 1985 और 1990 में बीजेपी से बोकारो से विधायक चुने गए।
13 विधायकों के साथ संपूर्ण क्रांति दल का गठन किया
इससे पहले 1985 में सिंह ने इंदर सिंह नामधारी के साथ बीजेपी में बगावत कर दी और 13 विधायकों के साथ संपूर्ण क्रांति दल का गठन किया। लेकिन कुछ दिनों बाद संपूर्ण क्रांति दल का बीजेपी में विलय हो गया और साल 1995 में समरेश सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और बीजेपी का टिकट नहीं मिलने पर हार गए।
झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद उन्होंने 2000 का चुनाव झारखंड वनांचल कांग्रेस के टिकट पर लड़ा। झारखंड बनने के बाद उन्हें राज्य का पहला विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री नियुक्त किया गया और फिर 2009 में झाविमो के टिकट पर विधायक बने।