दि न्यूज़ वाला एजेंसी। चीन के पूर्व राष्ट्रपति जियांग जेमिन का 96 साल की उम्र में निधन हो गया है। जेमिन को चीन के सुधारवादी नेताओं में शुमार किया जाता है। चीन के सरकारी मीडिया के मुताबिक वे ल्यूकेमिया बीमारी से पीड़िता थे। इसके कारण उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। बीमारी के चलते ही बुधवार को उनकी मौत हो गई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति जियांग जेमिन ने अपने गृह शहर शंघाई में अंतिम सांस ली सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी, संसद, कैबिनेट और सेना ने चीन के लोगों को पत्र लिखकर उनके निधन की जानकारी दी है।
चीन के विकास में अहम योगदान
जियांग जेमिन को 1989 के तियानमेन स्क्वायर नरसंहार के बाद चीन के नेतृत्व के लिए चुना गया था। उन्होंने करीब एक दशक तक चीन पर शासन किया। जियांग के शासनकाल में तियानमेन स्क्वायर विरोध के बाद चीन में कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं हुआ था।
जियांग एक फैक्ट्री इंजीनियर से दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के नेता के रूप में उभरे थे जिन्होंने चीन को वैश्विक व्यापार, सैन्य और राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरने की ओर अग्रसर किया। जब उन्होंने 1989 में पदभार संभाला था, तब चीन आर्थिक आधुनिकीकरण के प्रारंभिक चरण में था और तियानमेन नरसंहार से उबरने की कोशिश कर रहा था।
लेकिन जब जियांग 2003 में राष्ट्रपति के रूप में सेवानिवृत्त हुए, तब तक चीन विश्व व्यापार संगठन का सदस्य बन चुका था ब्रिटेन ने हांगकांग को सौंप दिया था, बीजिंग ने 2008 के ओलंपिक को सुरक्षित कर लिया था, और देश महाशक्ति का दर्जा पाने के रास्ते पर था।
कश्मीर मुद्दे पर भी दिया था बयान
1996 में चीन के राष्ट्रपति रहे जियांग जेमिन ने पाकिस्तानी संसद में दिए अपने संबोधन में कहा था कि अगर कुछ मुद्दों का हल न निकल रहा हो तो उन्हें ठंडे बस्ते में डाल देना चाहिए। इससे दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों के रास्ते पर आगे बढ़ा जा सकता है। हालांकि, पाकिस्तान ने पूर्व चीनी राष्ट्रपति की बात का विरोध कर दिया था।