NASA का दावा साल 2030 तक चंद्रमा पर इंसानो की रिहाइश मुमकिन

नई दिल्ली/टैक डेस्क। इंसान का चांद पर घर बसाने और रिहाईश का सपना अब जल्दी ही पूरा होने वाला है। NASA ने दावा किया है कि साल 2030 तक चंद्रमा पर इंसानो के लिए रहने का इंतज़ाम हो जाएगा। प्लाटिंग तो पहले से हो चुकी है, अब चांद पर इंसान रहने और काम भी करने वाला है। अमेरिकी स्पेस सेंटर नासा ने हाल ही में मिशन मून कार्यक्रम के तहत अपने आर्टेमिस-1 राकेट को लॉन्च किया है। 2030 तक चांद की धरती पर इंसान निवास करने लगेगा और वहां अपना काम भी करने लगेगा।

नासा के लिए ओरियन चंद्र अंतरिक्ष यान कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाले हावर्ड हू ने कहा कि हम लोगों को चांद की सतह पर भेजने वाले हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग वहां रहने वाले हैं और खोज करने वाले हैं। हावर्ड हू ने बताया कि 2030 तक चंद्रमा पर भेजे जाने वाले इंसानों के रहने के लिए जगह तैयार हो चुकी होगी। उन्होंने कहा कि चांद पर सतह बहुत सारे रोवर इंसानों की मदद करेंगे और चांद पर रहने के साथ-साथ इंसान बहुत सारे प्रयोग करने वाला है।

 

चाँद पर इंसानों की रिहाइश

आपको बता दें कि तकरीबन 50 साल बाद अमेरिका एक बार फिर से मिशन मून पर जुट गया है। पिछले ही हफ्ते नासा ने आर्टेमिस-1 राकेट को लॉन्च किया है, जो तेजी से आगे बढ़ रहा है। आर्टेमिस-1 की मदद से चांद पर मानव को भेजने की तैयारी कर रहा है।

चाँद पर इंसानों की रिहाइश

360 करोड़ रुपए में मिलेगा पहला घर मनी नाम की क्रेडिट ब्रोकर फर्म के मुताबिक, चंद्रमा पर 360 करोड़ रुपए में घर बनकर तैयार हो जाएगा। उसने कहा कि चंद्रमा पर बनने वाले घरों के लिए सामग्री धरती से ही भेजी जाएगी। यहां घर को एयर सील करना जरूरी है। घर की मजबूती उस स्तर पर बनाने की जरूरत है, जिस स्तर पर भारी उद्योग की फैक्ट्रियां लगाई जाती हैं। दूसरे घर को बनाने की कीमत सिर्फ 300 करोड़ रुपये आएगी।

चाँद पर इंसानों की रिहाइश

चंद्रमा के उत्तरी क्षेत्र में सी ऑफ रेन्स है। यह इलाका यहां का सबसे अच्छा मोहल्ला बन सकता है। इसे मेयर इंब्रीयम भी कहते हैं, इस पूरे अभियान को 3 भागों में बांटा गया है; आर्टेमिस-1, आर्टेमिस,-2 और आर्टेमिस-3. आर्टेमिस-1 की सफलता के बाद 3 साल बाद चांद की धरती पर फिर से मानव के कदम पड़ेंगे।

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