चीन कोरोना वायरस। चीन में कोरोना की वापसी से वहां फिर से लोग डर के साये में है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महामारी के बाद से पहली बार चीन में एक दिन में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य ब्यूरो ने कहा कि चीन में बुधवार को 31,454 मामले दर्ज किए , जिनमें 27,517 मामले बिना लक्षणों के सामने आए। चीन में कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन, सामूहिक परीक्षण और यात्रा प्रतिबंधों जैसे उपाय अपनाए जा रहे हैं।
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रशासन ने आंशिक स्तर पर लॉकडाउन लगाने, यात्रा को प्रतिबंधित करने और सामूहिक परीक्षण की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पिछले महीने कोरोना संक्रमण में आई वृद्धि को रोकने के लिए देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन लगाया गया था, हालांकि उसके हटने के बाद अब एक बार फिर से हालात खराब होते दिख रहे हैं।
कोरोना बढ़ने की मुख्य वजह ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट
हालांकि कोरोना के नए मामले चीन की 1.4 बिलियन की विशाल आबादी की तुलना में काफी कम है। लेकिन बीजिंग की सख्त जीरो कोविड पॉलिसी के तहत, महामारी के हल्के प्रकोप से भी पूरे शहरों को बंद कर सकते हैं और संक्रमित रोगियों के संपर्कों में आने वाले को सख्ती से क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा सकता है। जीरो कोविड पॉलिसी ने देश में काफी आक्रोश भी पैदा किया। नतीजतन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में विरोध भी देखने को मिले। चीन और यूएस के कई हिस्सों में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए मुख्यरूप से ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.5 को मुख्य कारण माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सब वैरिएंट BQ.1 और BQ.1.1 को इन बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार पाया गया है।
भारत को भी है इस खतरे से सावधानी बरतने की जरूरत
कोरोना के जिन वैरिएंट्स को चीन में बढ़ते हुए मामलों के लिए जिम्मेदार पाया गया है, भारत में भी इसके कारण संक्रमितों की पुष्टि हो चुकी है। अक्तूबर में पहली बार पुणे में BQ1 के कारण एक संक्रमित की पुष्टि की गई थी। वैज्ञानिकों ने कहा कि BQ.1 और BF.7 पैक म्यूटेशन वाले सब-वैरिएंट्स हैं जो आसानी से प्रतिरक्षा प्रणाली से बचकर संक्रमण का खतरा बढ़ा सकते हैं। इस खतरे को देखते हुए यहां लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।